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ऐतिहासिक दिन १३ सितम्बर २०१३

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ऐतिहासिक दिन १३ सितम्बर २०१३
१३.०९.१३ यानी तेरह सितम्बर २०१३ एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जायेगा.
आज दिल्ली दुष्कर्म के चार आरोपियों को दिल्ली के साकेत कोर्ट से फांसी की सजा सुनाई जाती है, जिसकी अपेक्षा आम जनता और पीड़िता के माता पिता भी कर रहे थे. साकेत जिला न्यायायलय ने पर्याप्त सबूतों के आधार पर उनपर लगाये गए सभी तेरह आपराधिक धाराओं में दोषी पाया और उनके लिए अधिकतम सजा मृत्यु दंड का ऐलान कर दिया. पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर चारो सामूहिक दुष्कर्म के दोषी पाए गए. सामूहिक बलात्कार के एक मुख्य आरोपी राम सिंह ने जेल में ही आत्म हत्या कर ली और दूसरा रेपिस्ट मुहम्मद अफरोज अपराध के समय नाबालिग होने के कारन जुवेनाइल बोर्ड के द्वारा तीन साल का सजा पाकर सुधार गृह में है.
दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय क्रिकेट के दो आरोपी खिलाड़ी श्रीशांत और अंकित चौहान को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में दोषी करार देते हुए बी सी सी आई ने उसे आजीवन क्रिकेट खेलने से ‘बैन’ कर दिया है.
तीसरा महत्वपूर्ण फैसला मोदी को एन डी ए के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में औपचारिक घोषणा हो गयी. लाल कृष्ण आडवाणी को छोड़ बाकी सभी प्रमुख नेता घोषणा के वक्त मौजूद रहे .. सभी ने नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया … पर इस घोषणा के साथ ही श्री आडवाणी की ६ पंक्ति की चिट्ठी जिसे उन्होंने पार्टी अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह को लिखी जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा और राजनाथ के काम करने के तरीके पर नाराजगी जाहिर की है … इसके अलावा वो कर भी क्या सकते थे. पर इतना जरूर है कि उन्होंने धारा या लहर के विपरीत दिशा में अकेले खड़े रहने का फैसला लिया. अब तो समय ही बताएगा कि इसका अंततोगत्वा परिणाम क्या निकलता है … अब वो सब बातें बेमानी होगी कि बहुमत और लोकप्रियता के सामने आडवाणी जी को नतमस्तक हो जाना चाहिए था या नहीं. पार्टी का फैसला हो चूका है भाजपा समर्थक उत्साहित हैं. जश्न का माहौल है उन्हें जश्न मनाने का हक़ है और आगे जीत के लिए रण नीति भी बनानी है, क्योंकि उनके सिर्फ दो ही सहयोगी पार्टियाँ शेष हैं – शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल. इन दोनों पार्टियों का अस्तित्व सिर्फ क्रमश: महाराष्ट्र और पंजाब में है. बाकी राज्यों में भाजपा का मत विस्तार और आधार बढ़ाना.
श्री मोदी ने बड़े भावुक अंदाज में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया और वादा किया कि भाजपा को सत्ता में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. इसमें कोई दो राय नहीं कि मोदी माहिर नेता हैं और अभी तक अपनी रणनीति में सफल रहे हैं .. आगे भी सफल रहेंगे ऐसी कामना हम सबको करनी चाहिए ताकि देश का भला हो … भ्रष्टाचार, अनाचार, कुव्यवस्था और कमरतोड़ महंगाई से छुटकारा मिले.
जानकार लोग विवेचना कर रहे हैं कि श्री मोदी आडवाणी के शिष्य रहे हैं और समय समय पर आडवाणी जी ने मोदी का बचाव भी किया है … पर जैसा कि हम सभी जानते हैं कि महाभारत में अर्जुन को भी अपने गुरु द्रोणाचार्य से लड़ाई लड़नी पडी थी. वह भी एक धर्मयुद्ध था, यह भी एक देश सेवा धर्म है. श्री मोदी एक साधारण परिवार के जुझारू नेता हैं और अभी तक जो भी मुकाम हासिल किया है – अपने संघर्ष, मिहनत और इमानदारी के बलबूते किया है. इस मुकाम पर पहुँचने के बाद भी उन्होंने अपनी विनम्रता नहीं छोडी. मंच पर ही वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का चरण स्पर्श किया और श्री आडवाणी के घर जाकर उनके भी पैर छूकर आशीर्वाद लिए और अटल जी से भी आशीर्वाद ग्रहण किया.
अब तो परिणाम भविष्य के गर्भ में है पर मुकाबला तगड़ा और रोमांच कारी होगा. एक तरफ कांग्रेस तो दुसरी तरफ अन्य सेक्युलर पार्टियाँ … फैसला तो जनता को करना है … आखिर जनता ही तो जनार्दन का रूप होती है. इन सब के पीछे मीडिया, सोसल साइट्स और सर्वेक्षण का बहुत बड़ा हाथ है क्योंकि आम जनता अब जागरूक हो चुकी है. जय हिन्द ! जय भारत !
तेरह का कमाल भाजपा के नाम!
(१९९६ में भाजपा की पहली सरकार तेरह दिन बैठी, राजग सरकार को १९९९ में बहुमत की खुशखबरी १३ अक्टूबर के चुनावी नतीजे ने दी, वहीं अटल बिहारी की अगुवाई में चल रही तेरहवीं लोकसभा को समय से पहले भंग कर चुनाव कराये तो सत्ता छोड़ने का जनादेश उसे १३ मई २००४ को ही मिला. भारतीय अंकशास्त्र में तेरह अंक को दृढ़ निश्चयी, अथक परिश्रम और व्यावहारिकता के अलावा तानाशाही का प्रतीक माना जाता है.)

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