jls
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बजते थे जब अलार्म,
तब उठता सुबह समय
जगा आज तो सुने गीत
देश भक्ति के
सुन्दर संगीत लय.
झंडा फहराना है
नहा धोकर जाना है
***
आए ‘तिवारी’ जी,
वयोवृद्ध बिहारी जी,
उनके सर टोपी थी,
कुर्ता और धोती थी.
तिरंगा वितान हुआ,
बच्चो का गान हुआ
मिठाइयां बंटी जब
मद्धिम मुस्कान हुआ
***
दिखा रहा दूरदर्शन
सेना का शौर्य, पलटन
भारत की झांकी है
प्रहरी भी काफी है
टोपी न दिखती कहीं
मफलर इक दिखता है
दिल्ली का मुख्य मंत्री
देखो ‘दब्बू’ सा दिखता है!
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‘डर’ नहीं ‘उसको’ है
‘दूसरे’ को चिंता है!
अगल बगल दस लोग
आखिर क्या करता है?
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