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बदायूं के आंसू.

jls
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बदायूं में दो नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप कर उनका शव पेड़ पर टांगने की दिल दहला देने वाली वारदात के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश कर दी है। पीड़ित परिवार ने राज्य सरकार से मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया है। वहीं, इस मामले पर सियासत भी जारी है। शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि जांच से ज्यादा जरूरी है कि पीड़ित को न्याय मिले। उन्हें राज्य सरकार की ओर से की गई मुआवजे की घोषणा पर भी सवाल उठाया और कहा कि पैसों से इज्जत वापस नहीं मिल जाती है।
इस वारदात के बाद किसी भी बड़े और राष्ट्रीय नेता का यह पहला दौरा कहा जा सकता है l
राहुल पीड़ित परिजन से करीब 25 मिनट तक बातचीत करने के बाद उस बाग के पेड़ के पास भी गए, जिस पर दोनों लड़कियों के शव फांसी पर लटकते पाए गए थे। राहुल के साथ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शोभा ओझा और पार्टी प्रांतीय अध्यक्ष निर्मल खत्री भी थे।
गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात शौच के लिए गई 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड़ पर फांसी से लटकते पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी।
इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा कि मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराई जाएगी।
गिरफ्तार किए आरोपियों में से तीन एक ही परिवार के हैं। शुक्रवार को इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दो पुलिसवालों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। दोनों पुलिसवालों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य सरकार ने इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की बात कही थी। शुक्रवार को ही इस घटना के बाद आजमगढ़ में भी एक नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया।
इस बीच यह मामला संयुक्तआ राष्ट्रब में भी उठा है और यूएन ने इसे भयानक अपराध करार दिया है।
संयुक्त राष्ट्र ने इस वारदात को भयानक अपराध करार दिया है। उसने जोर देकर कहा है कि कानून के तहत सभी नागरिकों की रक्षा होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन डुआरिक ने कहा कि दो लड़कियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या एक भयानक अपराध है। इस तरह की घटनाओं पर कहने के लिए कुछ शब्द नहीं मिल रहा। निश्चित तौर पर यह एक भयानक घटना है। उन्होंने कहा कि हर पुरुष, हर महिला की कानून द्वारा रक्षा होनी चाहिए।
एक महिला पत्रकार दवरा पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव की असंयमित प्रतिक्रिया भी चर्चा में रही. – ‘आप तो सुरक्षित हैं ना, आपको कोई खतरा तो नहीं’। एक महिला से ऐसा कहने वाले अखिलेश यादव मानसिक रोगी हैं, उनका इस्तीफा होना चाहिए। – सुरभि गंडोत्रा, न्यूयॉर्क से अपनी अपनी प्रतिक्रिया में कहा l
उप्र की सरकार से आप और क्या उम्मीदें कर सकते हैं, जहां दुष्कर्म पर ‘नेताजी’ कहते हैं, ‘लड़कों से अक्सर गलतियां हो जाती हैं’। – स्वप्निल सक्सेना, एनसीआर
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था, मंदिरों के निर्माण से पहले शौचालय बनाए जाने चाहिए। तो ठीक है, अब देश आपके किए वादे पूरा होने का इंतजार कर रहा है। – मौमिता चौधरी, गुडग़ांव l
ज्ञातव्य है कि दोनों बच्चियां रात्रिकाल में शौच के लिए ही बाहर गयी थी.
राष्ट्री य महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। आयोग की सदस्य‍ निर्मला सामंत ने कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है। शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग का एक जांच दल मामले की जांच करने घटनास्थल पर जाएगा।
वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने गुरुवार को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जांच टीम बदायूं भेजने का निर्णय लिया है, जो जमीनी हकीकत का पता लगाएगी।
मृतक लड़कियों के पिता ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। मृतक के पिता सोहन लाल का आरोप है कि पुलिस सही सही जांच करने के बजाय उन पर ही समझौता करने का दबाव डाल रही है और धमका रही है। इसके अलावा घर से बाहर भी निकलने नहीं दे रही है।
पुलिस पर भी है आरोप – यह घटना बदायूं जिले के उसहैत के कटरा सआदतगंज गांव की है। जिन दो नाबालिगों से कथित तौर पर गैंगरेप कर उनकी हत्याल की गई है, वे चचेरी बहनें हैं। बताया जा रहा है कि दोनों बहनें सोमवार से ही घर से लापता थीं। हत्याह और कथित गैंगरेप की इस वारदात में सिपाही समेत चार लोग शामिल बताए जा रहे हैं। दोनों छात्राओं की हत्यार के बाद अपराधियों ने शवों को गांव में ही एक पेड़ पर लटका दिया था। परिजनों का आरोप है कि दोनों बच्चियों की गैंगरेप के बाद हत्या की गई है। उनके मुताबिक, वे लड़कियों के गुम होने की शिकायत लेकर कटरा चौकी पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें भगा दिया। काफी देर बाद सिपाही सर्वेश यादव ने बताया कि दोनों लड़कियां बाग में फांसी से लटकी हुई हैं।
पुलिस अधीक्षक मानसिंह चौहान के मुताबिक, 14 और 15 साल की ये दो नाबालिग छात्राएं मंगलवार रात शौच के लिए गांव के बाहर गई थीं। दोनों बहनों के घर नहीं लौटने पर परिजनों ने रातभर उनकी तलाश की। बुधवार सुबह उनके शव गांव के एक बाग में एक पेड़ से लटके मिले। चौहान ने कहा कि गैंगरेप होने की पुष्टि पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
पुलिस की लापरवाही और लड़कियों के प्रति हुई अमानवीय घटना को लेकर प्रदेश भर के सामाजिक संगठनों के विरोध के सुर तेज हो गए हैं। कई महिला संगठनों ने राज्य सरकार और पुलिस महकमे को गुरुवार तक का वक्ते देते हुए कहा है कि इस मामले के सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें कठोर सजा दी जाए नहीं तो शुक्रवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
उसके बाद मायावती, रामविलास पासवान आदि बड़े नेता घटना स्थल और पीड़ित परिवार जनों से से मिल रहे हैं, राज्य सरकार को दोषी बता रहे हैं … पर आगे से ऐसी घटनाएँ न हों इसके लिए ठोस कदम उठाने की पहल तक नहीं करते. इसके बाद लगता है कि इस तरह की घटनाओं की बाढ़ सी आ गयी है. पता नहीं ये घटनाएँ नयी सरकार के पदारूढ़ होने का इंतजार कर रही थी, या मीडिया के कैमरों को तब फुर्सत नहीं थी. अब सभी कैमरे और नेताओं की नजरें बदायूं और उत्तर परदेश की तरफ मुडी हुई है.
सवाल फिर यही उठता है की ऐसी वारदातें होती हैं और होती ही रहेगी l न तो इन पर रोक लगाने वाला है न ही दोषियों को समय सीमा के अनदर सजा.. हाँ कुछ सामाजिक संगठन आगे आएंगे l राजनीतिक दल के नेता आएंगे आंसूं पोछने का नाटक करेंगे… मीडिया में खबरें चलेंगी. फिर सब कुछ वही सब… दामिनी कांड को हुए डेढ़ साल हो गए अभी तक किसी को सजा नहीं हुई l घटनाएँ रोज घाट रही हैं l कोई कोई घटना मीडिया के जोर से जोर पकड़ लेती हैं और कुछ दिनों तक चरचा में रहती है. बस और क्या?
अच्छे दिन आ गए है! क्या उम्मीद की जाय, केंद्र की नयी सरकार इस पर संज्ञान लेगी और तत्काल कुछ फैसले लेगी ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो साथ ही हम सब मिलकर एक बार क्या सोचेंगें कि इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है?
इस तरह की घटना में ज्यादातर निम्न या निम्न मध्यम वर्ग की महिलाएं/लड़कियां ही शिकार होती हैं, और ऐसी घटनाओं में निम्न मध्यम वर्ग के लोग ही लिप्त पाए गए हैं, जिनका या तो दबंगई है या उन्हें कानून का डर नहीं है l डर हो भी तो कैसे कानून तो अंधा है l अंधा है तो धीरे ही चलेगा और किसी के बताये गए रस्ते से ही चलेगा l जनता उबलती है, सडकों पर उतरती है, प्रदर्शन करती है l फिर उस प्रदर्शन को कई नेता हाइजैक कर अपना उल्लू सीधा करने में लग जाते हैं l
भयंकर बिजली कटौती की समस्या से जूझता पूरा उत्तर प्रदेश और इस तरह की शर्मशार करनेवाली घटनाओं से उ. प्र. की सरकार कुछ भी सबक लेगी, ऐसा तो लगता नहीं है, क्योंकि जनता ने उन्हें पांच साल के लिए चुना है l पांच साल तक तो वे सुरक्षित हैं ही l
जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर

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