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पी एम की मौजूदगी में सी एम की हूटिंग

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पहले महाराष्ट्र के शोलापुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चौहान की हूटिंग, फिर हरियाणा के कैथल में भूपिंदर सिंह हुड्डा की हूटिंग, और उसके बाद झारखण्ड के रांची में हेमंत शोरेन की हूटिंग … क्या अति उत्साह में हैं, भाजपा समर्थित जनता? … सरकारी कार्यक्रमों में ऐसा नहीं होना चाहिए, ऐसा अभी तक होता आया है. सी एम किसी भी पार्टी का हो सकता है. वह राज्य का प्रतिनिधि होता है और प्रधान मंत्री देश का.
यह बात अलग है कि हूटिंग के समय पी एम श्री नरेंद्र मोदी खड़े हो कर लोगों को चुप करने या शांत होने को कह रहे थे. पर अपने भाषण में उन्होंने हूटिंग के सम्बन्ध में एक शब्द न कहा. बिना लिखा भाषण पढ़नेवाले प्रधान मंत्री इतना तो कह ही सकते थे कि उनके कार्यक्रम में ऐसा नही होना चाहिए था.. उनके संबोधन को जनता पर असर होता, पर वे एक शब्द न बोले और नागपुर में सी एम का बहिष्कार झेलने के बाद भी उनका मुंह न खुला. आश्चर्य की बात है कि राजनीति से ऊपर उठकर विकास की बात करने वाले, संघीय ढांचा का सम्मान करने वाले प्रधान मंत्री शायद इसका मौन समर्थन कर रहे होते हैं. आत्मश्लाघा सबको अच्छी लगती है!
” किसी संस्था को बनाने में बहुत समय लगता है, बिगड़ने में ज्यादा समय नहीं लगता”. लगभग सभी निष्पक्ष पत्रकार यही कह रहे हैं. अब आगे तो बयान और प्रतिकार होते रहेंगे …एक सर्वप्रिय पी एम का पुतला दहन रांची और झाड़खंड के विभिन्न हिस्सों में हुआ, वह भी ठीक नहीं हुआ, पर मीडिया ने उसे दिखाया और मेरे ख्याल से प्रधान मंत्री का विरोध एक वर्ग/पार्टी द्वारा किया गया. उधर भाजपा और झामुमो कार्यकर्ताओं में झड़प शुरू हो गयी है. केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के रांची आगमन पर सड़कों पर जम कर ताण्डव हुआ. नुक्सान किसका हो रहा है, जनता ही आकलन करेगी. नरेन्द्र सिंह तोमर ने आग में घी डालने का ही काम किया है. उनके अनुसार जे एम एम हार से बौखलाई हुई है. ये अच्छी बात नहीं है. शांतिपूर्ण माहौल को तीली लगाकर आप तो सम्पूर्ण सुरक्षा के बीच सुरक्षित रहेंगे. आम जनता का क्या होगा? क्या उत्तर प्रदेश का माहौल यहाँ बनाना चाहते हैं. आपकी यही इच्छा लग रही है.
प्रधान मंत्री ने अपने पंद्रह अगस्त के संबोधन में कहा था – सभी सी एम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे. पर यह अच्छा नहीं लगा, भाजपा कार्यकर्ताओं का अति उत्साह और उनके वरिष्ठ नेताओं का समर्थन.
अब आइये प्रधान मंत्री के रांची के कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन, शुभारम्भ और घोषणा पर एक नजर.डालते हैं.
१. बेड़ो में पॉवर ग्रिड कारपोरेसन की सबसे बड़ी ट्रांसमिसन लाइन का शुभारम्भ:- इससे विद्युत के ट्रांसमिसन और और डिस्ट्रीब्यूशन में मदद मिलेगी.
२. कर्णपुरा में १९८० मेगावाट की बिजली परियोजना की पुनर्स्थापना, इसका शिलान्यास पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने किया था. बाद की सरकारों की उपेक्षा से यह परियोजना लंबित पड़ी थी.
३. नेसनल डिजिटल लिटरेसी मिशन की शुरुआत – सूचना तकनीक का विकास झाड़खंड की जनता इससे लाभान्वित होगी. युवकों को रोजगार मिलेगा.
४. रांची को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क एनक्यूबेसन सेंटर का तोहफा…. रांची, धनबाद और जमशेदपुर मे टेक्निकल पार्क की लंबित परियोजना की कल्पना पहले भी की गयी थी. रोजगार सृजन में योगदान और विकास में तेजी.
५. देवघर के पास जसीडीह का आई ओ सी एल के अत्याधुनिक आयल टर्मिनल का ऑनलाइन उद्घाटन. इससे झारखण्ड वासियों के सस्ते में/सुविधाजनक रूप से डीजल, पेट्रोल की आपूर्ति हो सकेगी.
६. नेसनल इंस्टीच्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की आधारशिला रखी गयी, नवयुवकों के लिए नए रास्ते.
७. इसके अलावा मोदी जी ने घोषणा की कि जमशेदपुर, पटना, बनारस, गोरखपुर, कोलकता जैसे शहरों में पाइप के द्वारा घर घर गैस पहुँचाने की भी बात कही. (पहले हर घर में पीने का पानी तो पहुंचा दीजिये)
ये सभी घोषित योजनाओं के शत प्रतिशत परिणाम तभी सामने आयंगे जब झाड़खंड में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार होगी, जिसका संकेत उन्हें लोक सभा के चुनाव में ही मिल चूका है… रही सही कसर उत्साही जनता ने ‘मोदी’ ‘मोदी’ के नारे लगाकर दे दिया…पर इस अति उत्साह का परिणाम सडकों पर दीख रहा है, झाड़खंड में सभी केंद्रीय मंत्री कुछ कुछ न कुछ (खैरात) देने आ रहे हैं और उनका स्वागत जे एम एम दवरा काले झंडे के साथ और भाजपा के दवरा भाजपा के झंडे और डंडे के साथ किया जा रहा है..
प्रधान मंत्री और भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता आशान्वित हैं कि अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है. आगे भी अच्छे दिन ही आने वाले हैं. दूसरी पार्टियों के नेता भाजपा में मिलते जा रहे हैं …भाजपा उन सबका दिल खोलकर स्वागत भी कर रही है. मुझे यह समझ में बही आता कि कांग्रेस आदि दूसरी पार्टियों के नेता भाजपा में जाते ही स्वच्छ कैसे हो जाते हैं. भाजपा के स्वनाम धन्य नेता नितिन गडकरी दिल्ली के इ रिक्शा की समस्या नहीं सुलझा पा रहे है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा इमानदार CVO संजीव चतुर्वेदी को भाजपा के नेता जे पी नड्डा के कहने पर हटाया जाना, निर्भया कांड पर अरुण जेटली का विवादित बयान भी मोदी या भाजपा के किसी नेता या शुषमा स्वराज के सर को नहीं झुकाता . महंगाई और भ्रष्टाचार रोकने के कारगर कदम न उठाया जाना,. पकिस्तान और चीन की सीमा पर दखलंदाजी पर ख़ामोशी.. हिंदुत्व के मुद्दे को बीच बीच में उछालना … सब कुछ ठीक कैसे कहा जा सकता है, जबकि भाजपा के प्रवक्ता अपने वरिष्ठ नेताओं के गलत बयान को भी सही ठहराते नजर आते हैं.
जनता ने आपको कांग्रेस के विकल्प के रूप में चुना, फिर आपको कांग्रेस से अलग दीखना चाहिए. कांग्रेस जो अब विपक्षी पार्टी भी नहीं रह गयी है. संसद में विपक्ष का कोई नेता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है विपक्ष का नेता कौन? लोकपाल की नियुक्ति में, चुनाव आयुक्त और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति में नेता विपक्ष की भूमिका कौन निभाएगा या भाजपा जो कहेगी वही होगा?. सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति वाला मामला भी सामने है.यहाँ भी राजनीतिक पार्टी के नेता रहेंगे वह भी विपक्ष रहित.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को कुछ तो मुद्दा चाहिए और उन्हें मिल रहा है, भाजपा की पगड़ी उछालने के लिए. जनता अभी तक भाजपा की तरफ टकटकी लगाये देख रही है – कब आएंगे अच्छे दिन! अगर ज्यादा दिन इंतज़ार करना पड़े तो मूड बदल जाता है.
उधर बेंगलुरु में ज्ञानपीठ और पद्मभूषण अवॉर्ड से सम्मानित कन्नड़ भाषा के महान लेखक यू आर अनंतमूर्ति की मौत पर बीजेपी और हिन्दू जागरण वैदिक के कार्यकर्ताओं द्वारा पटाखे फोड़ जश्न मनाने पर कर्नाटक पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं. (अनंतमूर्ति ने मोदी का विरोध किया था. उन्होंने कहा था – मोदी के प्रधान मंत्री बनने देश छोड़ देंगे …बेचारे दुनियां ही छोड़ कर चले गए…..) .ये तो बहुत ही गंदी बात है, लेकिन क्या किया जाय …बहुमत की सरकार है…भाजपा समर्थित जनता को यह भी वाजिब ही लगता है. बहुत लोग इसके पक्ष में तर्क दे रहे हैं… संवेदनहीनता की हद हो गयी है…
एक और मेरे लिए दुखद और चिंतनीय खबर है कि झारखण्ड विकास मोर्चा के टिकट से सांसद का चुनाव मोदी लहर में हार जाने के बाद डॉ. अजय कुमार ने कांग्रेस की सदस्य्ता ले ली है…. बाबूलाल मरांडी की जे वी एम (बकौल अर्जुन मुंडा) भाजपा में मिलने की तैयारी कर रही है. और भी बहुत सारे भाजपा के विरोधी नेता भाजपा में सर छुपाने को घुंस रहे हैं. अब तो पूरा देश भाजपामय ही हो जायेगा… इसी को कहते हैं राष्ट्रवादी राष्ट्रीय पार्टी. मेरा भारत महान है. यही तो हिन्दोस्तान है. जय हिन्द! जय भारत!
आज यानी २५.०८.१४ के उपचुनाव परिणाम में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर भाजपा अचंभित है, सीधे सज्जन शाहनवाज हुसैन, शुबह दस सीट जीतने का दावा करने वाले परिणाम आने के बाद अपनी हार स्वीकार कर ली, पर छोटे मोदी (सुशील मोदी) नितीश को अभी भी चिढ़ाने से बाज नहीं आ रहे. संयोग की बात देखिये कि आज ही के दिन ही प्रधान सेवक को AIIMS , दिल्ली में रूटीन मेडिकल चेक अप के लिए जाना पड़ा और उधर लालू जी को अपना दिल को काबू में रखने के लिए मुंबई अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. …खैर यह चुनाव होते रहेंगे …वादे भी होते रहेंगे. अच्छे दिन, बुरे दिन, सभी देखने पड़ेंगे. इसीलिए कहते हैं, जीत में बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत भी नहीं है और हार से सीख लेने की जरूरत है, जैसा कि लालू और नीतीश ने किया. कश्मीर में मिशन ४४ का क्या होता है, वह भी देखना है. पार्टी चाहे जो भी जीते देश को जीतना चाहिए, और जनता के भाग्य में अच्छे दिन आने चाहिए.
एक बार फिर से जय हिन्द, जय भारत, वन्दे मातरम!
जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर .

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