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एकता की दौड़ और फडणवीस की ताजपोशी

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३१ अक्टूबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की १३९ वीं जयंती पर प्रधान मंत्री द्वरा घोषित एकता की दौड़ (रन फॉर यूनिटी) की शुरुआत हुई. पूरा देश एकता के लिए दौड़ा. प्रतीकात्मक शुरुआत दिल्ली में विजय चौक से इंडिया गेट तक प्रधान मंत्री के साथ हुई जिसे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी झंडा दिखाकर औपचारिकता पूरी किया. पर इस दौड़ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, संजय गाँधी शामिल नहीं हुए तो शक्ति स्थल पर इन्दिरा गाँधी को श्रद्धांजलि देने केवल सोनिया गाँधी सपरिवार पहुंची प्रधान मंत्री श्री मोदी वहां नहीं गए. (एकता की मिशाल अच्छी है?).
देश को एकता के सूत्र में बांधने वाले नायक सरदार वल्लभभाई पटेल को ऐसी श्रद्धांजलि कभी नहीं मिली थी, जो उन्हें 139वीं जयंती पर मिली। इस मौके को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था और देश के कई हिस्सों में ‘रन फॉर यूनिटी’ के नाम से दौड़ का आयोजन किया है। विजय चौक पर दौड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और भीड़ के साथ वह भी करीब एक किलोमीटर तक चले। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तो हैदराबाद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह इसी तरह के आयोजन में नजर आए।
इस मौके पर मोदी ने कहा, ‘इतिहास पुरुष आने वाली पीढ़ियों में नई उमंग भरते हैं। सरदार पटेल ने किसानों को आजादी के आंदोलन से जोड़कर अंग्रेजी सल्तनत को हिला दिया था। वह देश की एकता के लिए समर्पित थे। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधा था।’ इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सरदार और गांधी जोड़ी अद्भुत थी। जैसे स्वामी विवेकानंद के बिना रामकृष्ण परमहंस अधूरे थे वैसे ही सरदार पटेल के बिना महात्मा गांधी अधूरे थे।’
मोदी ने सरदार पटेल को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता, वह इसका सृजन कभी नहीं कर सकता। आकांक्षाओं से भरे देश, एक देश जिसके युवा सपनों से भरे हैं, उसके लिए हमें अपने ऐतिहासिक हस्तियों को नहीं भूलना चाहिए। इतिहास, विरासत को विचारधारा के संकीर्ण दायरे में न बांटें। हमें एकता का मंत्र लेते हुए आगे बढ़ना है।’
कार्यक्रम की शुरुआत संसद भवन के नजदीक पटेल चौक पर सरदार पटेल की बड़ी तस्वीर पर प्रधानमंत्री के पुष्पांजलि अर्पित करने का साथ हुई। मोदी के साथ इस दौरान रक्षा और वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी मौजूद थे। इसके बाद मोदी विजय चौक पर ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाने पहुंचे। करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद मोदी भी भीड़ के साथ तेज कदमों से चल पड़े।
राजधानी दिल्ली के अलावा कई दूसरे शहरों में भी इसी तरह की दौड़ का आयोजन किया जा रहा है। दौड़ का उद्देश्य लोगों में एकता और भाईचारा बढ़ाना है। साथ ही सरकार की ओर से इसके जरिये पटेल के विचारों को भी लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में है। दौड़ के मद्देनज़र पूरे इलाके में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी 30वीं पुण्यतिथि पर स्मरण किया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं देशवासियों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर याद करता हूं।’ इंदिरा गांधी की आज के ही दिन 1984 में उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी।
उधर वानखेड़े स्टेडियम में देवेन्द्र फडणवीस ऐतिहासिक ताजपोशी जिसमे उनके सहयोगी दलों खासकर उद्धव ठाकरे की उपस्थिति भी अच्छी एकता को प्रदर्शित करती है(?). अब शिवसेना भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार होगी या नहीं सस्पेंस बना हुआ है. अमित शाह लगातार कोशिश कर रहे हैं. अब समुद्र में भी कमल खिल गया है. इसके पहले शिवसेना ने खूब नाटक रचे, पर इस नाटक का सुखांत होना अच्छी बात है. उद्धव जी को भी अपनी ताकत का अहसास हो गया, आखिर बड़े भाई और छोटे भाई में झगड़ा तो होता ही रहता है, पर अंत में गले मिल जाएँ यही तो भारतीय जन-मानस चाहता है. उम्मीद की जानी चाहिए भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर से ‘हैप्पी न्यू इयर’ मनायेगी.वानखेड़े स्टेडियम को सजाने में किये गए एक सौ करोड़ के खर्च की भरपाई जल्द ही पूरी कर लेगी आखिर विमान कंपनियों को भी पांचगुना किराया वसूल करने का मौका मिला है. भव्य समारोह की भव्यता में चार चाँद अवश्य लग गए जब एक सम्मानित नेता राजीव प्रताप रूढ़ी सभास्थल की सफाई में लग गए …प्लास्टिक के बोतल आदि समेट कर एक बड़े थैले में रखने लगे.
देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने वानखेड़े स्टेडियम में पद और गोपनीयत की शपथ ली। फडणवीस के साथ 9 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इसमें 7 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। उद्धव ठाकरे इस समारोह में शामिल नहीं होने वाले थे, लेकिन शुक्रवार सुबह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने उनसे बात की जिसके बाद वह समारोह में शामिल होने के लिए राजी हो गए। सूत्र बताते हैं कि शिवसेना का कोई पैंतरा काम नहीं कर रहा था लेकिन उसका एक हथियार काम कर गया और बीजेपी को झुकना पड़ा। बीजेपी ने शिवसेना की उस सबसे कम हिस्सेदारी की मांग का भी जवाब नहीं दिया था जिसमें उसने अपने बस दो मंत्रियों को शपथ दिलाने की मांग की थी। लेकिन गुरुवार रात को शिवसेना ने बीजेपी को बता दिया कि वह शपथ ग्रहण समारोह का बॉयकॉट नहीं करेगी। लेकिन इसके साथ ही एक शर्त भी जोड़ी गई थी। सेना ने कहा कि वह देवेंद्र फडणवीस के शपथ लेने के फौरन बाद सदन में विपक्ष के नेता के नाम का ऐलान कर देगी। शिवसेना के इस रुख से बीजेपी नेताओं के हाथ-पांव फूल गए। उन्हें अहसास हुआ कि ठाकरे न सिर्फ गंभीर हैं बल्कि उन्होंने तो रविंद्र वाइकर के रूप में नेता विपक्ष के लिए नाम भी तय कर लिया है। इसके बाद बीजेपी नेताओं ने आनन-फानन में मातोश्री फोन करने शुरू किए। बताया जाता है कि शुक्रवार को शपथ ग्रहण से पहले पांच घंटों में पांच बार फोन किया गया। तीन बार तो देवेंद्र फडणवीस ने खुद फोन किया। उन्होंने उद्धव को मनाने की कोशिश की और उन्हें बाला साहेब ठाकरे की इच्छा की दुहाई भी दी।
इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से बता की। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी अध्यक्ष ने यहां तक कहा कि नरेंद्र मोदी चाहते हैं, ठाकरे समारोह में शामिल हों। चलिए चाहे जो भी हो अंत भला तो सब भला.
शपथ लेने वाले मंत्रियों में दिवंगत बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे के अलावा विनोद तावड़े, चंद्रकांत पाटील, विष्णु सावरा, एकनाथ खड़से, दिलीप कांबले और सुधीर मुनगंटीवार शामिल हैं।
बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी भी इस ऐतिहासिक मौके पर मौजूद थे। यह पहली बार है जब बीजेपी ने अपने दम पर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है। इससे पहले वह शिवसेना की जूनियर पार्टनर रही थी।
हालांकि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और यह अल्पमत की सरकार है, जिसमें शिवसेना अभी शामिल नहीं हुई है। लेकिन माना जा रहा है कि शिवसेना के कुछ नेताओं को भी मंत्री बनाया जाएगा, लिहाजा उसका शामिल होना लगभग तय है।
शपथ ग्रहण समारोह में उद्योग, फिल्म और राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं। इनमें अनिल अंबानी, विवेक ओबेरॉय और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर शामिल हैं।
नागपुर के पूर्व मेयर और महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की पत्नी एक प्राइवेट बैंक एक्सिस बैंक, नागपुर में कार्यरत हैं. पत्रकारों के सवाल पर अभी तो अपना विचार व्यक्त कर चुकी हैं कि जहाँ भी उनकी जरूरत होगी वह वहां रहेंगी.
देवेन्द्र फडणवीस नए युवा चेहरा हैं. ये मोदी के खासमखास हैं और इनपर कोई दाग नहीं हैं. इनमे वे सारे गुण हैं जो नरेंद्र मोदी में हैं. आर एस एस, अमित शाह से करीबी होने का भी फायदा उन्हें मिलेगा.
उधर बीजेपी नेता सुब्रमण्यण स्वामी ने काले धन के मुद्दे पर सरकार की कमियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में स्वामी ने सरकार के मंत्रियों से विदेशी खाते पर हलफनामा देने की मांग की है। स्वामी उन लोगों में से हैं जो सभी विदेशी खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। स्वामी ने चिट्ठी में लिखा है, ‘जिस तरह सुप्रीम कोर्ट में काले धन को लेकर सरकार अपना पक्ष रख रही है उससे देश की जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं में निराशा है। सरकारा सुप्रीम कोर्ट में DTAT का हवाला दे रही है कि जो सरकार की पहली बड़ी गलती है। DTAT उन भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं होता जो विदेशों में कमा रहे हैं और यहां टैक्स नहीं देते।’ स्वामी ने ये भी कहा की जर्मनी और फ्रांस की सरकार ने उन सभी खाताधारकों की लिस्ट दी थी जिन्होंने HSBC और LGT बैंक में अपने खाते खुलवाए थे।
उधर 2G घोटाले के विशेष कोर्ट में ए राजा. कनिमोझी सहित १९ लोग दोषी ठहराए गए हैं. करीब २०० करोड़ के घोटाले में इन बड़ी हस्तियों पर कार्रवाई कोर्ट का सराहनीय फैसला ऐसे समय में आया है. कुछ बड़ी मछलियाँ भी तो फंसे.
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े 200 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में 19 लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। स्पेशल कोर्ड ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोपित सभी 19 आरोपियों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं। आरोपियों में 10 लोग और 9 कंपनियां हैं। स्पेशल जज ओ. पी. सैनी ने सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 (बी) और प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग ऐक्ट के तहत आरोप तय किए हैं। इस मामले में अधिकतम 7 और कम-से-कम तीन साल की सजा का प्रावधान है।
जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं उनमें डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल, पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोड़ी, स्वान टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, बॉलिवुड प्रड्यूसर करीम मोरानी और कलैगनार टीवी के एमडी शरद कुमार शामिल हैं।
कंपनियों में स्वान टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड के अलावा कुसेगांव रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सिनेयुग मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट, कलैगनार टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक्स रीयल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन ऐंड डेवलपर्स, डीबी रीयल्टी लिमिटेड और निहार कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं।
बहुत सारे विचारकों का कहना है देश चल पड़ा है, या कहें कि दौड़ने लगा है. सेंसेक्स में उछाल, अर्थव्यवस्था की पटरी पर लौटना, मेक इन इण्डिया का नारा, स्वच्छ भारत अभियान, जनधन योजना सब कुछ सफल होता दीख रहा है. डीजल, पेट्रोल के दाम लगातार गिर रहे हैं, सोना चांदी भी सस्ता ही मिल रहा है और अभी खरीदने से कोई मना भी नहीं कर रहा है. खाद्य पदार्थ और अन्य जरूरत के सामानों के दाम गिरने चाहिए. आलू प्याज आदि सब्जियों के दाम पर अंकुश और जरूरत और आपूर्ति के बीच सामंजस्य बढ़ाना जरूरी है. महिलाओं और कमजोर वर्गों पर होनेवाले अत्यचार बंद होने चाहिए. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि सबको उपलब्ध हो यही तो मोदी जी भी चाहते हैं तो इसे पूरा करने में सभी को जी जान से लग जाना चाहिए. और अब तो मोदी जी विदेशों में जमा काला धन को भी वापस लाने की बात कहकर लोगों की उम्मीदें और बढ़ा दी है कब आएगा तीन लाख रुपये हर भारतीयों के खाते में. तब तक उधार में आलू-प्याज खरीदा जा सकता है चाहे जो मूल्य चुकाने पड़े. और अब तो सुना है केजरीवाल भी मोदी जी के वक्तृत्व-कला के फैन हो गए हैं. उन्हें याद होगा ए.के.-49 .
-जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर

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