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बहादुर बेटियों को सरकार का सलाम
मनचलों को सबक सिखाने वालीं पूजा व आरती गणतंत्र दिवस पर होंगी सम्मानित वीडियो बनाने वाली महिला का भी किया जाएगा सम्मान हिन्दू महासभा और खापें भी करेंगी सम्मानित चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार सोनीपत के थानाखुर्द की दोनों बहादुर बहनों के अदम्य साहस को व्यर्थ नहीं जाने देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गणतंत्र दिवस पर दोनों बहनों पूजा एवं आरती को विशेष रूप से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। साथ ही नकद पुरस्कार देने की घोषणा भी की है। सरकार दोनों बहनों की हौसला अफजाई करने व वीडियो बनानी वाली महिला को भी सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री ने पूजा और आरती की बहादुरी की सराहना करने के साथ छेड़छाड़ की घटना पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसलिए पुलिस महानिदेशक व परिवहन विभाग को रोडवेज बसों में यात्र करने वाले सभी यात्रियों विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने को कहा है। यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि बस चालक व परिचालक ऐसी घटनाओं को रोकने पर विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर केवल महिला यात्री ही बैठें। सरकार जल्द ही सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की योजना तैयार करेगी। इस बीच सर्व जातीय दाड़न खाप पालवां ने दोनों युवतियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। खाप के प्रधान ने कहा कि हमें आरती, पूजा जैसी बेटियों पर गर्व है। हिन्दू महासभा ने दोनों बहादुर बहनों को ‘दामोदार वीर सावरकर बहादुरी रत्न’ से सम्मानित करने की घोषणा की है। 2 दिसंबर को हिसार के विश्राम गृह में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। उधर इस मामले में दोषी रोडवेज के चालक और परिचालक को निलंबित कर दिया गया है और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि दोनों बहादुर बहनों ने जहां घटना के दौरान चालक पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है, वहीं परिचालक के निलंबन को गलत करार दिया है। उनका मानना है कि परिचालक जितनी मदद कर सकता था, उसने की। मनचलों की हरकतों को देखते हुए रोडवेज कर्मचारी लंबे समय से रोडवेज बसों में सुरक्षा गार्ड तैनात करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई अमल नहीं हुआ। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया और महासचिव धर्मवीर हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार को जल्द रोडवेज बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात करने चाहिए। मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को इसके लिए ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। सेना ने बस में दो बहनों से छेड़छाड़ के आरोपी तीन में से दो लड़कों को सेना में भर्ती करने से इन्कार कर दिया है। ये दोनों सेना की शारीरिक और मेडिकल टेस्ट पास कर चुके थे। अब इन्हें लिखित परीक्षा पास करनी थी।
सजा और सम्मान का ऐलान भी जल्दबाजी में हो गया, पर दूसरे दिन ही इस समाचार का रुख बदल गया, क्योंकि अनेक प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मामला छेड़छाड़ का नहीं सीट को लेकर था वह भी एक वृद्धा की सीट पर से वे उठना नहीं चाहती थीं और वे लड़के उन्हें वहां से उठाना चाहते थे. दोनों बहनें बहादुर हैं, लड़कों को पीट सकती हैं, पहले भी पीट चुकी हैं. वह विडियो भी तुरंत सुर्ख़ियों में आ गया. तीसरा विडियो भी आया जिसमे लड़के उन लड़कियों से माफी मांग रहे हैं. जांच जारी है सच सामने आयेगा तभी कुछ कहना ज्यादा उचित है. जांच पूरी होने तक चालक और परिचालक की नौकरी बहाल कर ली गयी है और दोनों बहनों को सरकारी स्टार पर २६ जनवरी को सम्मानित करने की घोषणा भी वापस ले ली गयी है.अब यह मामला ठंढा पर गया है.लेकिन उसकी बहादुरी के समर्थन में दोनों बहनों के परिवार वाले नहीं दिखे. उसे मारपीट सीखने वाले प्रशिक्षक भी नहीं दिखे. मैं तो चाहूँगा कि अब लड़कियों को अपनी आत्मरक्षा के कदम उठाने ही चाहिए. और जूडो -कराटे की ट्रेनिंग ले लेनी चाहिए.
तब तक साध्वी निरंजन ज्योति पर नजर दौरा लेते हैं.
आज से २०-२५ साल पहले मेरे एक सहकर्मी ने मुझसे पूछा था- उमा भारती का भाषण सुना है. मैंने तब उनका नाम भी नहीं सुना था. तब उतने न्यूज़ चैनेल भी कहाँ थे. उनके ऑडियो कैसेट ही सुने जाते थे. मेरे सहकर्मी ने फिर कहा कि अगर उमा भारती का भाषण एक बार सुन लेंगे तो आपका खून खौल जाएगा. फिर मैंने उनका कई बार भाषण सुना, अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उन्हें खुशी से चहकते भी देखा. उसके बाद २००३ में दो तिहाई बहुमत वाली मध्य प्रदेश की सरकार में मुख्य मंत्री बनी, विवादों में रहीं. अभी एक साल ही हुआ था कि २००४ में हुबली में दंगा फ़ैलाने के आरोप में गिरफ्तार हुईं. मुख्यमंत्री पद गया, भाजपा से निकाली गईं, गोविन्दाचार्य के साथ सम्बन्ध को लेकर भी चर्चा में रहीं. फिर भाजपा में वापस आयीं. अभी मोदी सरकार में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री हैं. गंगा आरती भी खूब करती हैं, पर झाड़ू लगाते समय खुश न दिखी केवल औपचारिकता भर निभाई. गंगा सफाई पर भी क्या हो रहा है, कुछ प्रतिफल नजर नहीं आ रहा है. हाँ मोदी जी वाराणसी में गंगा घाट साफ़ करने में जुट गए हैं. उस दिन भी वे बनारस में मुझे (कम से कम) नजर नहीं आयीं.
एक वरिष्ट पत्रकार प्रमोद शुक्ल का कहना है – मुझे लगता है कि साध्वी के रूप में उमा भारती की चर्चा जल्दी ही कम हो जाएगी…एक दूसरी साध्वी निरंजन ज्योति बड़ी तेजी से चर्चा में आती जा रही हैं…आखिर मंत्रिमंडल में स्थान पाया है, तो कुछ न कुछ तो खासियत होगी ही…
बहुत जल्दी ही अपने बयानों से मिनी उमा भारती नाम से जानी जाने वाली निरंजन ज्योति चर्चा में आ गई. रामजादों और हरामजादों के विवाद में फंस गयी. पहले तो अपनी बात पर अड़ी रही, पर संसद में जब विपक्ष का दबाव बढ़ा, प्रधान मंत्री को भी अपने सांसदों से संयम बरतने की बात कही गयी तो उन्होंने संसद के दोनों सदनों में खेद प्रकट कर दिया. अब तो उनके तरफ से वेंकैया नायडू ने भी वकालत कर दी … जुबान फिसल जाती है … गलती हो जाती है. गुरुवार को प्रधान मंत्री ने भी राज्य सभा और लोकसभा में स्पष्टीकरण दिया कि हम सभी उनकी पृष्ठभूमि से परिचित हैं, वे पिछड़ी जाति और गांव से आती हैं…उन्होंने माफी मांग ली हैं,… इसलिए सदन को चलने देना चाहिए. पर विपक्ष को बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया है, वे उनके इस्तीफ़ा पर अड़ी हुई है. उनपर मुक़दमा भी दर्ज हो गया है. ऐसे में यही कहा जा सकता है –
वाणी ऐसी ही भली, भीड़ खड़ी मुसकाय
मुखिया जी जब भी कहें, खेद प्रकट की जाय ……
पर सवाल है कि साध्वी कही जाने वाली इन महिलाओं की जुबान/आचरण इतने विवादास्पद क्यों हो जाते ह?. साध्वी प्रज्ञा अभी जेल में हैं, उन पर मुक़दमा चल रहा है. योगी कहे जाने वाले आदित्यनाथ भी कम नहीं हैं. उनकी वाणी भी तलवार से तेज चलती है. संभवत: अपनी विवादास्पद जुबान के चलते पिछली बार मंत्री परिषद् के विस्तार में मंत्री बनते-बनते रह गए.
संत आशाराम और संत रामपाल अपने कुकृत्यों के चलते अभी जेल में हैं. क्या ऐसे ही हमारे हिन्दू धर्म का उद्धार होगा. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी तब ज्यादा प्रसिद्ध हुए जब उन्होंने साईं राम का विरोध शुरू किया. हम दूसरे धर्मों की जम कर आलोचना करते हैं. पर अपने अन्दर झाँक कर नहीं देखते. हमारा हिन्दू धर्म तब ज्यादा मशहूर होगा, जब इसमे व्याप्त कमियों को दूर किया जाय और इसे सर्वसुलभ बनाया जाय. सभी हिन्दू नामधारी संस्थाओं और नेताओं को इस पर मंथन करने की जरूरत है.
इधर अचानक महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों और दुष्कर्मों की ख़बरों में बृद्धि हो गयी है. लूटपाट और हत्या की ख़बरें भी खूब आ रही है ऊपर से सुकमा में मारे गए शहीदों का अपमान और पंजाब में अँखफोड़वा काण्ड सुर्ख़ियों में है. आय से अधिक संपत्ति और यादव सिंह जैसे अधिकारी ….यानी कि सब कुछ पहले जैसे. फिर अच्छे दिन के सपनों का क्या होगा?
अब पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर में तहलका मचाये हुए हैं. यहाँ भी भाजपा सरकार, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और प्रधान मंत्री की किरकिरी हो रही है. हमारे जवान भी मारे जा रहे हैं. उधर पाकिस्तान इन आतंकवादियों को खुलकर मदद पहुंचा रहा है. जरूरत है कारगर कदम और समस्या के निदान की, न कि सिर्फ बयानबाजी और अपने हक़ की राजनीति करने की. जहाँ अंतराष्ट्रीय मुद्दा हो वहां हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर देशहित की बात करनी चाहिए और सेना के कमांडर को पूरी शक्ति मुहैया की जानी चाहिए…..जयहिंद!
– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.
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