Menu
blogid : 3428 postid : 884911

चीन यात्रा से क्या क्या हाशिल हुआ

jls
jls
  • 457 Posts
  • 7538 Comments

मेरा बायोडेटा देखकर मुझे कोई पसंद नहीं करेगा… कोई कंपनी मुझे शेयर देगी क्या…. चायवाले को कोई महत्व मिलेगा क्या….पर ये भारत की जनता है…. तीसरा नेत्र होता जनता जनार्दन में…..
न मैं भूलना चाहता हूं, न मैं भुलाने देना चाहता हूं…. क्योकि वही बाते हैं जो कार्य करने की प्रेरणा देती हैं… जीवन खपा देने की ताकत देती हैं, मैने तभी कहा था, देश की जनता ने जो मुझे दायित्व दिया है, मैं परिश्रम करने में कोई कोताही नहीं करूंगा, दिन-रात लगा हूं, ईमानदारी से उसका पालन किया है या नहीं…. मैने पहले भी कहा था, मैं नया हूं, अनुभव नहीं है, पर सीखने का प्रयास करूंगा, एक विद्यार्थी की तरह हर अच्छी बात को सीखने और देश के लिए लागू करने का प्रयास करता हूं, करता हूं या नहीं(?) मैने तीसरी बात कही थी…अनुभवहीनता के कारण शायद मुझसे गलती हो जाए, पर बद-इरादे से कोई काम नहीं करूंगा… आज सोलह मई पंद्रह को चीन की धरती पर जब मैं ये बात बता रहा हूं, तो ये संतोष है कि किसी ने ये आरोप मुझ पर नहीं लगाया कि तुमने बदनीयती से कोई कदम उठाया है….
मुझे भी संघाई की धरती पार आज एक लघु हिन्दुस्तान दिख रहा है, मंच पर आने के पहले मैने भी नहीं सोचा था कि मुझे एक लघु भारत यहां मिलेगा, भारत के हर राज्य के प्रतिनिधि यहां है, आज मै आप से आशीर्वाद मांगने आया हूं, आप मुझे आशीर्वाद दें कि भारत के विकास के लिए हमने जो कदम बढ़ाए हैं, उसे हम सफलतापूर्वक पार करें,जनता ईश्वर का रूप होती है, इसलिए मैं आशीर्वाद चाहता हूं कि मेरे से कोई ऐसी गलती न हो जाए जिससे मेरे देश का कोई नुकसान हो जाए, दोनो हाथ उठा कर मुझे आशीर्वाद दें, इसमे बहुत बड़ी ताकत है,प्रधानमंत्री मोदी, संघाई. चीन में….. भारतीय जनता को संबोधित करते हुए, उपर्युक्त बातें कही.

कितने ऐसे प्रधान मंत्री होंगे, जो इतनी सहजता से, विनम्रता से अपनी बात को विदेश में रख सकते हैं. ऐसा व्यक्ति जो वेदों की बात करे, रामायण, महाभारत और गीता की बात करते हुए, आधुनिक भारत के नवनिर्माण ‘मेक इन इण्डिया’ पर जोर देकर कहे कि आइये और भारत में निर्माण करिये, हम आपकी भरपूर मदद करेंगे. चीन और भारत की आबादी मिलकर दुनिया की आबादी का एक तिहाई होता है. हम दोनों अगर साथ मिलकर काम करें तो विश्व हमारे सामने घुटने टेक देगा. आज हम एशिया को विश्व के नक़्शे पर ज्यादा मजबूती के साथ खड़ा दिखा सकते हैं …..दरअसल हम अपने सामर्थ्य को भूल गए हैं …. (हनुमान जी की तरह)
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली कीचियांग ने कहा कि दोनों देशों को राजनीतिक विश्वास मज़बूत करना होगा. किचिंयाग ने कहा कि चीन और भारत एशिया के दो इंजन हैं. दोनों नेताओं के साझा बयान जारी हुए. दोनों देशों के के बीच कुल २४ समझौते हुए जिनमे मुख्य हैं –
भारतीय और चीनी रेलवे के बीच रेलवे के विकास. एजुकेशन एक्सचेंज. ख़नन क्षेत्र. दूरदर्शन और सीसीटीवी के बीच प्रसारण. कौशल विकास. पर्यटन को बढ़ावा,भूविज्ञान और अंतरिक्ष में सहयोग. डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर और नीति आयोग पर समझौता…आदि आदि. चीन चेन्नई और भारत शेन्गडू में वाणिज्य दूतावस खोलेगा. इसके अलावा योग कॉलेज की स्थापना, औरंगाबाद और दुनहुआंग के बीच सिस्टर सिटीज़ संबंधो. कर्नाटक और शिचुआन के बीच सिस्टर स्टेट संबंधों के लिए समझौता. भारत-चीन थिंक टैंक स्थापना के लिए समझौता. भूकंप विज्ञान में विकास के लिए समझौता प्रमुख हैं.
चीन यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शियान, बीजिंग होते हुए शंघाई का भी दौरा किया. पीएम ने वहां चीन के टॉप 22 सीईओ से मुलाकात की. आज भारत और चीनी कंपनियों के बीच 22 अरब डॉलर के 21 बिजनस समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान पीएम मोदी ने चीनी बिजनसमैन से मेक इन इंडिया में निवेश की अपील की. पीएम ने चीनी इंडस्ट्री के दिग्गजों से कहा, मैं यहां आपसे कहने आया हूं कि भारत में निर्माण कीजिए. मोदी ने साथ ही ‘5F’ फॉर्मूला की भी चर्चा की, जिनमें-फार्म (कृषि) , फाइबर, फैब्रिक, फैशन, फॉरेन शामिल हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत चीनी इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक अवसर उबलब्ध कराता है. ‘हम मैन्युफैक्चरिंग को अपने देश के युवाओं के लिए नौकरी के अवसर बनाने के लिए बड़े तरीके से प्रमोट करना चाहते हैं, जोकि हमारे देश की जनसंख्या का 65 फीसदी हैं’ सरकार लगातार बिजनस माहौल को सुधारने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘हम भारत में बिजनस करने को आसान बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.’
पीएम ने कहा, ‘हमारी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में आपको पहले से ही जानकारी होगी. हम बिजनस माहौल में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि एक बार आप भारत में आने का निर्णय करेंगे तो हम आपको और भी ज्यादा सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश करेंगे.’
बाद में भारत-चीन बिजनस फोरम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, आप दुनिया की फैक्ट्री हैं. हम दुनिया के बैक ऑफिस हैं. हम साथ मिलकर हमारे लोगों के लिए उन्नति और समृद्धि ला सकते हैं. ‘आपको भारत में बदलाव की बयान को महसूस करना चाहिए. मैं सिर्फ आपको सलाह देता हूं कि आइए और इसे महसूस कीजिए. मैं आपको सफलता के लिए आवश्स्त करता हूं.’ भारत-चीन साझेदारी फलेगी-फूलेगी’ इस इवेंट में 39 भारतीय बिजनसमैन भी शामिल थे.
पोडियम के पृष्ठभूमि में मेक इन इंडिया के लोगो के साथ पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत और चीन दो प्राचीन सभ्यताएं हैं. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि यह सदी एशिया की है और बौद्ध धर्म एशियार्ई देशों को आपस में जोड़ने की शक्ति के रूप में काम करेगा.’
फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने चीन के विकास में भारत के योगदान का जिक्र किया और कहा कि कैसे दोनों देश एकदूसरे के विकास में योगदान दे सकते हैं. पीएम ने कहा, ‘भारत और चीन के बीच बहुत समानता है और हम साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं.’
पीएम ने कहा, भारत हमेशा से ज्ञानवान समाज रहा है और आप हमेशा से नई सोच वाले समाज रहे हैं. भारत के शून्य और नौ ग्रह की अवधारणा चीन में खोजों में सहायक रहे हैं. इसलिए हमारे विचारों की आपकी नई सोचों में एक भूमिका थी.’ पीएम ने कहा, ‘जैसे हमने एकदूसरे के आध्यत्मिक विकास में सहयोग किया, वैसे ही हमें एक दूसरे को आर्थिक विकास में मदद करनी है.’
चीनी टॉप बिजनसमैन में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के सीईओ जैक मा भी शामिल थे. मा ने पीएम मोदी से कहा, ‘हम भारत को लेकर उत्साहित हैं. हम मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया को लेकर उत्साहित हैं.’ फोन मेकर श्याओमी के प्रेजिडेंट लिन बिन ने कहा, हमारे पास भारत को लेकर कुछ बड़ी योजनाएं हैं, ‘हम मेक इन इंडिया का पूरा समर्थन करते हैं.’
इसके अलावा प्रधान मंत्री मोदी का चीन में जिस प्रकार स्वागत हुआ और टेराकोटा के वार मेमोरियल म्यूजियम का मोदी ने जिस प्रकार भ्रमण किया वह भी देखनेवाली चीज है.
दुनिया के सात अजूबों के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन आठवां अजूबा के बारे में पूछा जाए तो शायद कोई नहीं बता सके. ऐसे में बता दें कि आधिकारिक तौर पर तो नहीं, लेकिन चीन के टेराकोटा म्यूजियम को दुनिया का आठवां अजूबा माना जाता है। इस म्यूजियम में 2 हजार साल पुरानी 8000 सैनिकों, 130 रथ, 520 घोड़ों और 150 घुड़सवारों वाली आर्मी की प्रतिमाएं मौजूद हैं।
टेराकोटा आर्मी की खोज 29 मार्च 1974 को हुई थी, जब कुछ किसान कुआं खोद रहे थे. इस दौरान सैनिक की वर्दी पहने मिट्टी की एक प्रतिमा मिली. इसकी सूचना मिलते ही जब सरकार ने इसकी खुदाई करवाई तो हजारों की संख्या में ऐसे सैनिक मिले, जिन्हें टेराकोटा वॉरियर्स कहा जाता था. चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले इस टेराकोटा म्यूजियम को ही देखने गए।
मेरी अपनी सोच है कि प्रधान मंत्री हर संभव प्रयास कर रहे हैं देश में विकास लाने की, विदेशी निवेश लाने की, उन्होंने सीमा विवाद पर भी अपनी चिंता व्यक्त की है. LAC पर शांति ब्यवस्था बनाये रखने की भी बात की है. चायना के साथ अदानी, विप्रो, जिंदल, भारती, जी एम आर, एस्सार, आदि कंपनियों के साथ २२ बिलियन डॉलर का करार हुआ. भारत और चीन मिलकर दुनियां की एक तिहाई आबादी रहती है. भारतीय ग्रन्थ गीता रामायण, महाभारत आदि के चीनी अनुवाद भी चीन में मौजूद है. मूलभूत सुविधा विकसित करने की वृहत योजना भारत में है. अर्थात भारत एक बहुत बड़ा मार्केट होने जा रहा है- चीन के लिए भी और दूसरे विकसित देशों के लिए. चीन के लिए भारत में निवेश का ऐतिहासिक मौका है. उन्हें भारत में निवेश करना ही चाहिए. कानूनी अडचनों को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
प्रश्न फिर वही है, जब तक धरातल पर परिणाम नहीं निकलते अच्छे दिन की आश में देश की जनता उन्हें देखती रहेगी. अब पुन: पेट्रोल और डीजल के बढ़े दाम ३० अप्रैल को भी दाम बढ़ाये गए थे. अब देश का नशीब कहा है? डॉलर की कीमत लगातार बढ़ रही है, यानी रुपये की कीमत लगातार गिर रही है. अर्थ ब्यवस्था में सुधार का दावा कहाँ तक सही है.

– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh