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आखिर हम कब कड़े कदम उठाएंगे?

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जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित आर्मी हेडक्वॉर्टर पर रविवार(१८-०९-२०१६) को सुबह साढे 5 बजे हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए. ख़बरों के अनुसार १४ जवान तो आग में ही जलकर मर गए. सैन्य बलों ने जवाबी कार्रवाई में सभी चार आतंकियों को मार गिराया. हाल के सालों में यह सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. गृह मंत्रालय ने सभी एयरपोर्ट्स को सुरक्षा के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया है.
वहीं, ले. जनरल रणबीर सिंह ने शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस करके जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर के सेना के बटालियन हेडक्वार्टर शिविर पर हुए आतंकी हमले से जुड़ी कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि आतंकी पूरी तरह प्रशिक्षित थे और आतंकी भारी गोला बारूद के साथ आए थे. सिंह ने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक सभी आतंकी जैश ए मोहम्मद के हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आतंकियों के कब्जे से चार ए के 47 राइफल, चार अंडरबैरल ग्रेनेड लॉन्चर बरामद हुए हैं और आतंकियों से बरामद सामान पर पाक की मुहर लगी है.
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी आग को फैलाने वाला ग्रेनेड लेकर आए जिन्हें हासिल करना आसान नहीं था. उरी कश्मीर के बारामूला जिले में है. इस हमले में 19 जवान घायल हो गए जिन्हें एयरलिफ्ट कर हॉस्पिटल ले जाया गया. गृह मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी तरफ़ से लगातार आतंकवादियों के दस्ते भारत भेज रहा है. आर्मी चीफ जनरल दलबीर सुहाग और रक्षा मंत्री पर्रिकर घाटी के लिए निकल चुके हैं. सैन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ और आतंकियों के छुपे होने की आशंका के मद्देनजर इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है, हालांकि एनकाउंटर खत्म हो चुका है.
पीएम मोदी ने उरी हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया है और कहा है- मैं राष्ट्र को विश्वास दिलाता हूं कि इस कुत्सित हमले के पीछे जो भी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि उरी में शहीद हुए जवानों को हम नमन करते हैं. राष्ट्र उनकी कुर्बानी सदैव याद रखेगा. मेरी संवेदनाएं शोकसंतप्त परिवारों के साथ हैं.

जिस वक्त यह हमला किया गया है, उस वक्त सुरक्षा का स्तर थोड़ा नीचे होता है, क्योंकि गार्ड बदलने का समय होने वाला होता है. माना जा रहा है कि आतंकवादी तार काट कर हेडक्वॉर्टर में घुसने में कामयाब हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि हमले के समय डोगरा रेजीमेंट के जवान एक तंबू में सोए हुए थे जिसमें विस्फोट के चलते आग लग गई. आग पास स्थित बैरकों तक भी फैल गई.

राजनाथ सिंह के घर आपात बैठक… इधर कश्मीर में बढ़ते फ़िदायीन हमले और घुसपैठ में हुए इज़ाफ़े को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलायी है गृह मंत्री ने अपना रूस का दौरा रद्द कर दिया है. ट्वीट कर उन्होंने बताया कि कश्मीर के हालात के चलते उन्होंने दौरा रद्द किया है. माना ये जा रहा है कि गृह मंत्री अपना अमेरिका का दौरा भी रद्द करेंगे.
जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित सैन्य बेस पर हुए आतंकी हमले को पिछले एक दशक में हुआ सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा के पास हुए इस हमले में शामिल आतंकियों को तो सेना ने मार गिराया, लेकिन इस दौरान हमारे 17 जवान भी शहीद हो गए. सरकार से जुड़े शीर्ष सूत्रों के अनुसार यह ‘आतंकी हमला जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के पाकिस्तान के बड़े गेम प्लान का हिस्सा है’.कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुहाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से यहां हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है. इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 80 से ज्यादा लोग की जान जा चुकी है, वहीं 10,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल है. सरकार का आरोप है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा भड़का रहा है. पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों का खुला समर्थन करते हुए इसे ‘स्वतंत्रता संघर्ष’ बताया था.
उरी के सैन्य बेस पर हुए इस आतंकी हमले को दो दशकों का सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. इससे पहले इसी साल जनवरी की शुरुआत में पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में सात सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.
जानकारी यह भी है कि पाकिस्तान अपनी तरफ़ से कोशिश कर रहा है कि कश्मीर का मसला लगातार हेडलाइन में बना रहे. यूनाइटेड नेशन असेम्ब्ली में वह इस मुद्दे को बढ़- चढ़कर उठाना चाहता है. “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ 21 सितम्बर को UN में बोलेंगे, तब तक इसी तरह हमले होते रहेंगे,” एक सीनियर अफ़सर के मुताबिक़, पुंछ में हुआ हमला भी उसी का नतीजा था. वैसे उस हमले की जांच में साबित हो गया है कि मारे गए आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे. उनके जीपीएस रूट और उनकी पहचान तक मुक़र्रर हो गई है. जांच में सामने आया है कि “पुंछ का हमला भी लश्कर ने ही किया था.”
पठानकोट हमले से हमने कुछ सबक नहीं लिया, उलटे हमने पाकिस्तान को अपने एयरबेस में घुमाने ले आये. हमारे प्रधान मंत्री स्वतंत्रता दिवश के अवसर पर भालूच का मुद्दा उठाते हुए पकिस्तान पर बड़ा जबानी हमाल किया था. उसके बाद भी अनेक मंचों से पकिस्तान को खबरदार करते रहे हैं. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को समर्थन प्राप्त है. हमरे देश के सभी राजनीतिक दलों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. सभी नागरिक दुखी हैं और अपने अपने स्तर पर विरोध दर्ज करा रहे हैं. मीडिया भी रक्षा विशेषज्ञों के साथ बहस करा रही है. फिर देर किस बात की. आखिर कब उठाएंगे हम कड़े कदम? हर भारतीय आज उद्वेलित है हमारे प्रधान मंत्री के कदम का इंतज़ार कर रहा है. हम किसी भी रूप से पाकिस्तान से पीछे नहीं हैं. हमारी सैन्य शक्ति, आर्थिक शक्ति, संख्या बल पाकिस्तान से कई गुना ज्यादा है. हमारा समर्थन भी विश्व के सभी शक्तिशाली देश कर रहे हैं, क्योंकि वे लोग भी आतंकवादी हमले से त्रस्त हैं. अब गोली का जवाब गोली से ही देने की बारी है. हम सभी जानते हैं कौरव पांडव के बीच महाभारत होने से पहले युद्ध को टालने के ख्याल से भगवान कृष्ण दुर्योधन को समझाने गए थे. पर दुर्योधन नहीं माना था, तब भगवान कृष्ण ने भीषण हुंकार किया था. श्री रामधारी सिंह दिनकर के अनुसार
दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।
दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका,
उलटे हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य साधने चला।
“जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।“
हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले-
‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।
यह देख, गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें।
हित-वचन नहीं तूने माना, मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ, अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा।
मेरा भी या कहें कि अधिकांश भारतीयों का यही विचार होगा कि अब युद्ध अवश्यम्भावी हो गया है. पाकिस्तान को उसको उसी की भाषा में जवाब देना होगा. जयहिंद! जय भारत !

– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर

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