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मुझे संसद में बोलने नहीं दिया जाता – मोदी

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१० दिसंन्बर २०१६ शनिवार को गुजरात के डीसा में एक रैली को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री ने लोगों को ये भरोसा दिलाया कि नोटबंदी के बाद जो भी परेशानियां हो रही हैं वो 50 दिन में खत्म हो जाएंगी. उम्मीद तो सब यही कर रहे हैं. अगर सब कुछ ठीक हो जाएगा तो फिर कौन शिकायत करेगा? पर क्या ऐसा असर दीखता है. एक महीने से ज्यादा समय हो गया है और सभी बैंक और एटीएम नगद से खाली हैं, लोग नगदी के लिए परेशान हैं.
नोटबंदी के विरोध में संसद ठप करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने विरोधियों को निशाने पर लिया है कहा है कि झूठ नहीं टिकता इसलिए विपक्षी दल संसद नहीं चलने दे रहे. पीएम मोदी ने कहा है कि ‘मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है.’ पीएम कहा, ‘सरकार कहती है कि पीएम बोलने के लिए तैयार हैं. लेकिन उनको मालूम है उनका झूठ टिक नहीं पाता है. इसलिए वो चर्चा से भाग जाते हैं. इसलिए उन्होंने लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का निर्णय लिया.’ उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के खिलाफ कोई पार्टी नहीं, विरोधी सिर्फ तरीके पर सवाल उठा रहे हैं. राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है, दल से बड़ा देश होता है.’ सरकार कहती है कि पीएम बोलने के लिए तैयार हैं. लेकिन उनको मालूम है उनका झूठ टिक नहीं पाता है. इसलिए वो चर्चा से भाग जाते हैं. इसलिए उन्होंने लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का निर्णय लिया. देश में 70 साल तक ईमानदारों को लूटा गया. छोटे नोटों और छोटे लोगों की ताकत बढ़ाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया. आतंकवादियों को ताकत देता है जाली नोट, सीमा पार क्या हो रहा है सब जानते हैं.
सवाल वही है, आदरणीय प्रधान मंत्री श्री मोदी जी, आपके सिवा कौन बोलता है यहाँ! आप सबसे ज्यादा जन सभाएं/ रैलियां करते हैं. विदेश भ्रमण में भी आप वहां के भारतीयों के साथ अपने देश के लोगों को भी संबोधित करना नहीं भूलते. मीडिया आपका हर भाषण का एक एक शब्द बार-बार रिपीट करता है. हर सरकारी विज्ञापन में आप ही बोलते हैं. मन की बात में आप ही बोलते हैं. २०१४ के चुनाव तैयरियों से लेकर अब तक कौन सबसे ज्यादा बोला है? आदरणीय प्रधान मंत्री जी! संसद में आपका पूर्ण बहुमत है. पूर्ण बहुमत की सरकार के आप मुखिया हैं और आप को ही बोलने नहीं दिया जाता इससे बड़ा असत्य क्या हो सकता है? विपक्ष तो पहले दिन से आप से बयान की मांग कर रहा है और आप हैं कि संसद में बैठना ही नहीं चाहते. विपक्ष की बात सुनना ही नहीं चाहते! नोटबंदी की लाइन में सौ से ज्यादा लोग मर गए आपने एक शब्द उनकी सांत्वना में नहीं कहा. विपक्ष संसद में मांग करता रहा एक बार उन मृत लोगों के प्रति सांत्वना ही व्यक्त कर दी जाय पर यह भी नहीं हुआ. आप 125 करोड़ लोगों के शुभचिंतक/प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं. कम से कम उनके दुःख-दर्द को तो समझिये. जनता ने आपको बड़े उत्साह से जनमत दिया था. आप उनका ख्याल तो रखिये. आपसे देश को अभी भी उम्मीदें हैं. कम-से-कम लोगों को भरोसा है – “न खाऊँगा न खाने दूँगा” जैसे वक्तव्य पर. लेकिन आप अपनी सफलता का ढिंढोरा अपने आप पीटे जा रहे हैं. कुछ जनता के लिए भी छोड़िये जो आपका गुणगान खुद करे. किसान अपनी फसल की कीमत नहीं मिलने पर रो रहा है, दिहाड़ी मजदूर काम नहीं मिलने के कारण या कहें की मजदूरी नहीं मिलने के कारण अपने-अपने घर लौट रहा है. छोटे-मोटे कारोबारी अपना बिजनेश ठप्प होने से परेशान हैं. नोटबंदी से महाराष्ट्र के मालेगांव में पॉवरलूम के एक लाख मजदूर बेकार हो गए हैं. लुधियाना के होजियरी कारोबार का लगभग यही हाल है. महानगरों में बिल्डिंग बनाने में लगे मजदूर पलायन कर रहे हैं. ईंटभट्ठे पर काम करने वालों को मजदूरी नहीं मिल रही है. ये सभी नगदी पर ही काम करते हैं. आप नोटबंदी के बाद कैशलेस की बात कर रहे हैं. पहले आधारभूत-संरचना, वह भी फुलप्रूफ सिस्टम तो विकसित करिये फिर अपने आप कैशलेश परिवेश विकसित हो जाएगा. अब आपकी नोटबंदी के चलते नोटों की कमी हो रही है तो कैशलेश की बात कर रहे हैं. उधर अनेकों जगहों से नए नोटों की गड्डियां करोड़ों में बरामद हो रही है. सिस्टम कितना भ्रष्ट हो चुका है वह भी तो देखिये. सरकार के साथ जनता को भी सहयोग करना पड़ेगा तभी भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन पायेगा. ऐसा वातावरण बनाइये कि लोग सीख ले, आपके मंत्री, सहयोगी अपने परिजनों की शादी में करोड़ों खर्च कर रहे हैं और आम जनता को सादगी का पाठ पढ़ा रहे हैं. आप तो दिन में दस बार कपडे बदलें और आम आदमी एक सही ढंग का कपडा भी न पहन पाए ऐसा कैसे हो सकता है. आप महात्मा गाँधी का बहुत नाम लेते हैं. उनके जैसा खुद भी बनकर दिखाइए. तभी आप के पीछे जनता होगी सारा देश होगा. विनम्र अनुरोध है आपसे!
नोटबंदी का एक महीना बीतने के बावजूद अभी भी बैंक और एटीएम में लंबी कतारें हैं. लोग कैश की किल्लत से परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं जहां नोटबंदी के बाद कई लोगों के पास करोड़ों की नई नकदी पकड़ी गई है. यह उदाहरण क्या हमरे सिस्टम का दोष नहीं है. यहां ऐसे ही चुनिंदा बड़े मामलों के बारे में चर्चा भर करना चाहूँगा.
चेन्नगई (10 करोड़) आठ दिसंबर को आयकर विभाग ने छापा मारकर विभिन्नर स्थाचनों से 106 करोड़ रुपये की नकदी और 127 किलो सोना पकड़ा. इसमें से 10 करोड़ रुपये की नई नकदी शामिल थी. गोवा (1.5 करोड़) उत्तडरी गोवा में सात दिसंबर को एक स्कूोटर पर जा रहे दो लोगों को पुलिस ने सूचना मिलने पर पकड़ा. उनके पास से 70 लाख रुपये की नई नकदी मिली और उस दिन इनको मिलाकर गोवा के विभिन्नड क्षेत्र से कुल 1.5 करोड़ रुपये के नए नोट जब्तस किए गए. कोयंबटूर (1 करोड़) 29 नवंबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में तीन लोगों को एक कार में एक करोड़ की नई नकदी के साथ पकडा़ गया. ये पुराने नोटों से नए नोटों की बदली के काम में लगे थे. सूरत (76 लाख) नौ दिसंबर को सूरत में होंडा कार के अंदर 76 लाख रुपये के 2,000 के नए नोट मिले. महाराष्ट्रं से गुजरात पहुंची यह कार नोटों से भरी मिली. सिर्फ कैश नहीं, बल्कि उसमें 2,000 रुपये के नए नोट बरामद हुए. इसके अलावा गुजरात में दो अन्यि बड़ी घटनाओं में 23 नवंबर को गुजरात सेटेलाइट एरिया में 10.6 लाख के नए नोट और 20 नवंबर को साबरकांठा जिले में आठ लाख की नई नकदी पकड़ी गई. उडुपी (71 लाख) सात दिसंबर को कर्नाटक के उडुपी में एक कार से 71 लाख के नए नोट मिले. अधिकांश नोट 2000 रुपये की नई करेंसी में थे. इस सिलसिले में तीन लोगों को पकड़ा गया. मुंबई (72 लाख) नौ दिसंबर को मुंबई के दादर इलाके में 72 लाख मिले. दरअसल इस केस में सात लोगों को पकड़ा गया जोकि पुराने नोटों को नए से बदलने की कोशिश कर रहे थे. इनके पास 85 लाख रुपये मिले जिसमें से 72 लाख रुपये 2000 के नए नोटों में थे. होशंगाबाद (40 लाख) मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक सफेद इनोवा कार से 40 लाख रुपये के नए नोट एक काले बैग में मिले. कार पर प्रेजीडेंट-एंटी-करप्श न सोसायटी का स्टींकर लगा था. गुड़गांव (27 लाख) गुड़गांव के इस्ला मपुरा इलाके में तीन आदमियों से आठ दिसंबर को 2000 और 100 के नोटों में 17 लाख रुपये की नई नकदी पकड़ी गई. उसके 24 घंटे के भीतर ही 10 लाख की नई नकदी समेत दो लोगों को पकड़ा गया. कर्णाटक में 5.70 करोड़ वह भी बाथरूम में छिपाकर रखे गए नए नोटों और ३२ किलो सोने चाँदी कर्नाटक में इनकम टैक्स के छापे में एक हवाला कारोबारी के घर से 5 करोड़ 70 लाख की नई करेंसी मिली है. 90 लाख के पुराने नोट भी जब्त किए गए. 32 किलो सोना-चांदी भी मिला है. कारोबारी ने बाथरुम के चैंबर में ये नकदी छिपाकर रखी थी. बाथरुम की टाइलों के पीछे बनी तिजोरी से सारा कैश मिला. कर्नाटक के हवाला कारोबारी के यहां से करोड़ों की नगदी के अलावा 31 किलो के सोने के गहने भी मिले हैं, गोवा और कर्नाटक की इनकम टैक्स टीम की संयुक्त कार्रवाई अब भी जारी है. दिल्ली में एक वकील के पास से १३.६५ करोड़ की बरामदगी हुई है. यह सब छपे पहले भी मारे जा सकते थे.
खैर जो भी हो अगर बेईमानों, काले धन वालों को सजा मिलती है और सिस्टम सुधरता है तब भी जनता आपको समर्थन देती रहेगी. सिस्टम को सुधारिए, संसद को सुधारिए, लोग अपने आप सुधर जायेंगे. अगर राजनीति साफ-सुथरी हो जायेगी, बड़े-बड़े अफसर संकल्प ले लें, तो सभी भारतीय अपने आप सुधर जायेंगे. गंगा ऊपर से नीचे की तरफ बहती है. यही गंगा आस पास के सभी किनारों को संतुष्ट करती हुई आगे बढ़ती है. आप अगर अपना उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो निश्चित ही पूरा देश बदलेगा. एक टी एन शेषण ने चुनाव सुधार करने का बीड़ा उठाया और आज चुनाव प्रणाली काफी साफ सुथरी हुई है. आप भी ऐसा उदाहरण प्रस्तुत कीजिये. जय हिन्द! जय भारत!
– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.

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